पं. सुन्दरलाल शर्मा जो स्वाधीनता संग्रामी थे, वे उच्च कोटी के कवि भी थे। शर्माजी ठेठ छत्तीसगड़ी में काव्य सृजन की थी। पं. सुन्दरलाल शर्मा को महाकवि कहा जाता है। किशोरावस्था से ही सुन्दरलाल शर्मा जी लिखा करते थे। उन्हें छत्तीसगड़ी और हिन्दी के अलावा संस्कृत, मराठी, बगंला, उड़िया एवं अंग्रेजी आती थी। हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में पं. सुन्दरलाल शर्मा ने 21 ग्रन्थों की रचना की। उनकी लिखी "छत्तीसगढ़ी दानलीला" आज क्लासिक के रुप में स्वीकृत है। पं. सुन्दरलाल शर्मा की प्रकाशित कृतियाँ - 1. छत्तीसगढ़ी दानलीला 2. काव्यामृतवर्षिणी 3. राजीव प्रेम-पियूष 4. सीता परिणय 5. पार्वती परिणय 6. प्रल्हाद चरित्र 7. ध्रुव आख्यान 8. करुणा पच्चीसी 9. श्रीकृष्ण जन्म आख्यान 10. सच्चा सरदार 11. विक्रम शशिकला 12. विक्टोरिया वियोग 13. श्री रघुनाथ गुण कीर्तन 14. प्रताप पदावली 15. सतनामी भजनमाला 16. कंस वध। पं. सुन्दरलाल शर्मा का देहान्त 28 दिसम्बर 1940 में हुआ था। स्वतन्त्रता सेनानी पं. सुन्दरलाल शर्मा जी देश को आज़ाद नहीं देख पाए।
अन्य कडि़यॉं -
1. जातीय सहिष्णुता के पितृ पुरूष : आरंभ में
2. पं.सुन्दर लाल शर्मा : रायपुर सिटी डाट इंफो में
2 comments:
''शर्मा जी का देहांत 1980 में हुआ और वे देश को आजाद नहीं देख पाए'' संशोधन आवश्यक है.
धन्यवाद भईया, संशोधन कर दिया गया है।
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