लाला जगदलपुरी जी का जन्म 1923 में बस्तर में हुआ था, बस्तर से उनका अगाध प्रेम है। लेखन के साथ-साथ जगदलपुरी जी अध्यापन तथा खेती का काम करते है। लाला जगदलपुरी जी के प्रेरणा से बस्तर में कई साहित्यकार पनपे। उनकी 'हल्बी लोक कथाएँ' के कई संस्करण प्रकाशित हो गये हैं। डॉ. सत्यभामा आडिल अपनी पुस्तक 'छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य' (पृ. 144 ) में लिखती है - 'आप अपनी छत्तीसगढ़ी कविताओं में नायिकाओं का कलात्मक एवं सुरुचिपूर्ण चित्रण करने के लिए प्रसिद्ध है।' हल्बी साहित्य में इनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। हल्बी में जो दूसरे साहित्यकार है उन सबके नाम है भागीरथी महानंदी, योगेनद्र देवांगन, हरिहर वैष्णव, जोगेनद्र महापात्र, रुद्रनारायन पाणिग्रही, सुभाष पान्डेय, रामसिंह ठाकुर।
इस ब्लॉग की सामाग्री के संकलन में श्री राहुल सिंह जी का विशेष योगदान है। सामाग्री संकलन अभी आरंभिक अवस्था में है, वर्तमान में यहां प्रकाशित जीवन परिचय हम विभिन्न सूत्रों से साभार प्रस्तुत कर रहे हैं। जैसे-जैसे जानकारी उपलब्ध होती जावेगी हम इसे अपडेट करते रहेंगें। प्रकाशित सामाग्री के संबंध में किसी भी प्रकार के संशोधन, परिर्वतन, परिवर्धन एवं अतिरिक्त सूचना के लिए आप tiwari.sanjeeva एट द gmail.com में संपर्क कर सकते हैं। आपके सुझावों का स्वागत है।
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