भगवती सेन का जन्म 1930 में धमतरी के देमार गांव में हुआ था । उनकी कवितायें किसान, मजदूर और उपेक्षित लोगों के बारे में है। प्रगतिशील कवि थे। छत्तीसगढ़ी कविताओं का संकलन दो पुस्तकों में की गई है। पहला है - 'नदिया मरै पियास' और दुसरा है - 'देख रे आंखी , सुन रे कान'। 1981 में भगवती सेन का देहान्त हो गया है। उनकी कवितायें न जाने कितने लोगों को सच्चाई जानने के लिए प्रेरित करती है। उनकी कवितायें, उनके गीत एक सच्चे इन्सान की देन है।
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