डॉ.परदेसी राम वर्मा जी 12 वर्ष की उम्र से लिखते चले आ रहे हैं। उनकी ढ़ेरों कहानियाँ, बाल कहानी, बाल कविता, निबन्ध प्रकाशित हो चुके हैं। रायपुर दूरदर्शन से उनकी एक सीरियल भी प्रसारित हो चुका है, जो छत्तीसगढ़ के महापुरुष पर आधारित है। छत्तीसगढ़ी नाटक में 'बइला नोहव' प्रकासित हुआ है। वे हिन्दी में भी लिखते हैं।
भावसिहं हिरवानी - हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में लिखते हैं। कहानी उनका मुख्य माध्यम है। वे अपनी कहानियों के लिए भी पुरस्कृत हुए हैं। - 'अउ तिजहारिन' उनकी छत्तीसगढ़ी कहानी है जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया है। और हिन्दी में 'रो के दीप', 'रोता जंगल', 'सुलगती लकड़ी' पुरस्कार प्राप्त है। अंधविश्वास, अंधपरम्परा के खिलाफ अपनी कहानियों के माध्यम से लड़ते रहे हैं।
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