डॉ. विनयकुमार पाठक को लेखन के लिए प्रेरणा मिली है उनके बड़े भाई डॉ. विमल पाठक से। डॉ. विनय कुमार ने पी.एच.डी. एवं डी. लि करके ख्याति पाये हैं। छत्तीसगढ़ी और हिन्दी, दोनों में लिखते हैं। छत्तीसगढ़ी में कविता, खण्डकाव्य - सीता के दुख तथा छत्तीसगढ़ी साहित्य और साहित्यकार संस्मरण जीवनी, के अलावा अनेक निबंध लिखे हैं। उनकी छत्तीसगढ़ी लोक कथा (1970 ) छत्तीसगढ़ के स्थान-नामों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन (2000 ) बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्हें अनेक सम्मान और पुरस्कार मिल है जैसे लोकभाषा शिखर सम्मान।
इस ब्लॉग की सामाग्री के संकलन में श्री राहुल सिंह जी का विशेष योगदान है। सामाग्री संकलन अभी आरंभिक अवस्था में है, वर्तमान में यहां प्रकाशित जीवन परिचय हम विभिन्न सूत्रों से साभार प्रस्तुत कर रहे हैं। जैसे-जैसे जानकारी उपलब्ध होती जावेगी हम इसे अपडेट करते रहेंगें। प्रकाशित सामाग्री के संबंध में किसी भी प्रकार के संशोधन, परिर्वतन, परिवर्धन एवं अतिरिक्त सूचना के लिए आप tiwari.sanjeeva एट द gmail.com में संपर्क कर सकते हैं। आपके सुझावों का स्वागत है।
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