मिनीमाता का जन्म सन् 1913 में असम के नुवागांव जिले के ग्राम जमुनामुख में हुआ था । आपकी माता का नाम मतीबाई था । आपका परिवार मूलतः बिलासपुर जिला निवासी था । 1901 से 1910 के बीच छत्तीसगढ़ के भीषण अकाल ने अधिकांश गरीब परिवारों को जीविका की तलाश में प्रदेश के बाहर जाने के लिए मजबर कर दिया । आपके नाना-नानी भी असम के चाय बगानों में काम के लिए रेलगाड़ी द्वारा बिलासपुर से जोरहट गए । इस दौरान उनकी तीन पुत्रियों में से दो की मौत हो गई । एक बेटी, आपकी मां ही जीवित रहीं ।
आपके बाल्यकाल तक परिवार व्यवस्थित हो चुका था । आपका वास्तविक नाम मीनाक्षी था । आपने स्कूली शिक्षा असम में प्राप्त की । आपको असमिया, अंग्रेजी, बांगला, हिन्दी तथा छत्तीसगढी का ज्ञान था । आपके जीवन में नया मोड़ उस समय आया जब सतनामी समाज के गुरु अगमदास धर्म प्रचार के सिलसिले में असम गए और बाद में आपको जीवन संगिनी के रुप में चुना ।
अपने समाज की गरीबी, अशिक्षा तथा पिछड़ापन दूर करने के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया । 1952 से 1972 तक आपने लोकसभा में सारंगढ़, जांजगीर तथा महासमुंद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया । मजदूर हितों और नारी शिक्षा के प्रति भी जागरुक और सहयोगी रहीं । बाल-विवाह और दहेज प्रथा को दूर करने के लिए समाज से संसद तक आपने आवाज उठाई । छत्तीसगढ़ में कृषि तथा सिंचाई के लिए हसदेव बांध परियोजना आपकी दूर-दृष्टि का परिचायक है । भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थानीय निवासियों को रोजगार और औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया ।
आप सद्भावना और ममता की मूर्ति, कुशल गृहिणी, सजग सांसद, कर्मठ समाज सेविका और सच्चे अर्थों में छत्तीसगढ़ की स्वप्नदृष्टा थी । 11 अगस्त 1972 को भोपाल से दिल्ली जाते हुए पालम हवाई अड्डे के पास विमान दुर्घटना में आपका निधन हो गया । छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में महिला उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनी माता सम्मान स्थापित किया है ।
5 comments:
Please give this information in english
jai ho mini mata ki jai satnaam
जानकारी बहुतअच्छी लगी।
Bahut bahut badhai Jankari bahut acchi hai Jay Satnam
7425991622
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