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दानेश्वर शर्मा

दानेश्वर शर्मा छत्तीसगढ़ी एवं हिन्दी के लोकप्रिय कवि हैं। दानेश्वर शर्मा जी भिलाई में सामुदायिक विभाग का दायित्व संभालते हुए पाँच दिन तक (1976 ) लोककला महोत्सव की शुरुआत की। दानेश्वर जी कोदुराम दलित जी के प्रेरणा से छत्तीसगढ़ी कविता लिखना शुरु किया। पहली छत्तीसगढ़ी रचना थी 'बेटी के बिदा'। 'छत्तीसगढ़ की मूल आत्मा को सुरक्षित रखते हुये लिखे जा रहे है' - डॉ. सत्यभामा आडिल का कहना है। सुशील यदु से दानेश्वर जी ने कहा - 'दूरदर्शन रायपुर में लोककला के नाम में टूरी-टूरा मन के नाच देखा देना, खेती किसानी देखा देना, बस्तर के लोकनृत्य में हारमोनियम के प्रयोग, सरस्वती वंदना ला माता सेवा धुन में देखाये जाना, विकृत करके दिखाये जावत हे ..... हमर संस्कृति के प्रतिनिधित्व तो पं. मुकुटधर पांडे, पं. सुन्दरलाल शर्मा, ठा. प्यारेलाल सिंह, खूबचंद बघेल, विप्रजी येखर मन के झलक देखाना चाही'
डॉ. विमल पाठक - डॉ. विमल पाठक को बचपन से एक ऐसा माहौल मिला था जिसमें रहकर भी अगर कोई काव्य सृजन न करे तो आश्चर्य की बात होती। उनके पिता छत्तीसगढ़ी, हिन्दी और संस्कृत में गीत, भजन, श्लोक सुनाते रहे, और उनकी मां भोजली, माता सेवा, बिहाव, गौरी गीत, सुवा गीत बहुत ही सुन्दर गाया करती थी; जब विमल जी को पूछा गया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को क्यों लेखन का माध्यम बनाये, उनका कहना था - 'मोर घर परिवार, मुहल्ला अउ समाज म पूरा छत्तीसगढ़ी वातावरण रहिस। छत्तीसगढ़ी के बोलबाला रहिस। गोठियाना, गीता गाना, लड़ना-झगड़ना, खेलना-कूदना, जमों छत्तीसगढ़ी मं करत आयेंव, सुनत आयेंव। ठेठ छत्तीसगढ़ी संस्कार तब ले परिस लइकइच ले सामाजिक-पारिवारिक संस्कार मन के एकदम लकठा में आगेंव। छुट्ठी बरही ले लेके बिहाव तक के लोकगीत सुन सुनके धुन मन के मिठास ल सुनके गुनके मैं बिधुन हो जात रहेंव। सोहर ले लेके, चुलभाटी, तेलभाटी, बिहावभाटी, विदा, नेवरात, गौरा, सुवा, भोजली, ददरिया, करमा अउ किसिम-किसिम के गीत सुनना अउ ओमन ल गाना मोर आदत बनगे रहिस।'

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कपिलनाथ कश्यप कला कवि मुकुंद कौशल केयूर भूषण कोदूराम दलित चन्दूलाल चन्द्राकर डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा डॉ. निरुपमा शर्मा डॉ. पालेश्वर शर्मा डॉ. विनयकुमार पाठक डॉ.परदेसी राम वर्मा डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा डॉ.विमल कुमार पाठक दाऊ रामचंद्र देशमुख दानेश्वर शर्मा नंदकिशोर तिवारी नारायणलाल परमार पं. द्वारिका प्रसाद तिवारी पं. बंशीधर शर्मा पं. रविशंकर शुक्ल पं. सुन्दरलाल शर्मा पं.राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल पुरुषोत्तम लाल कौशिक बद्रीविशाल परमानंद बिसंभर यादव बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल भगवती सेन मंदराजी महाराज प्रवीरचन्द्र भंजदेव मिनीमाता यति यतनलाल रघुवीर अग्रवाल पथिक राजनीति रामेश्वर वैष्णव लाला जगदलपुरी विद्याभूषण मिश्र विनोद कुमार शुक्‍ल वीरनारायण सिंह शकुन्तला तरार श्यामलाल चतुर्वेदी साहित्‍य स्व. प्यारेलाल गुप्त हरि ठाकुर हाजी हसन अली हेमनाथ यदु